Monday 4 April 2016

वाकविकार (Dyslexia)

वाकविकार (Dyslexia)

Dyslexia
डिस्लेक्सिया कोई बीमारी नहीं है और न ही यह कोई मानसिक अयोग्यता है। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) पढ़ने-लिखने से संबंधी एक विकार है, जिसमें बच्चों को शब्दों को पहचानने, पढ़ने, याद करने और बोलने में परेशानी आती है। वे कुछ अक्षरों और शब्दों को उल्टा पढ़ते हैं और कुछ अक्षरों का उच्चारण भी नहीं कर पाते। उनकी पढ़ने की रफ्तार और बच्चों की अपेक्षा काफी कम होती है ।

यह विकार ३-१५ साल के सामान्य जनसंख्या के लगभग ३% बच्चों में पाया जाता है। कई माता-पिता डिस्लेक्सिया को मानसिक रोग से जोड़ते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। डिस्लेक्सिया को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।

वाकविकार के लक्षण

  • वंशानुगत (Herediatary), यह तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की समस्या है, जो जन्म पूर्व कारकों पर निर्भर करती हैं। 
  • माता के संतुलित आहार की कमी, धूम्रपान का सेवन भी इसके कारण हो सकते हैं।
  • बच्चों में कुपोषण भी इसका एक बड़ा कारण है।
    • कुछ केस में बच्चे के जन्म से पहले ही डिस्लेक्सिया का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में डॉक्टर उन गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने की सलाह के साथ साथ कुछ विशेष दवाओं से संबंधित सलाह देते हैं।
    • जिन मामलों में जन्म के बाद डिस्लेक्सिया का पता लगता है, उन बच्चों को ज्यादा समय देकर संभाला जा सकता है। इन बच्चों की समझ धीमी होती है, इसलिए इन्हें ज्यादा समय देने की आवश्यकता होती है।
    • डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों के साथ अपना पढ़ने का अपना तरीका बदलें, चीजों को आसान करके बताएं, तोड़-तोड़कर समझाएं। चित्रों और कहानियों का सहारा लें। जिन अक्षरों को पहचानने और लिखने में समस्या होती है, उन्हें बार-बार लिखवाए।
    • वोकेशनल ट्रेनिंग कराएं।
    दिनाक अप्रैल २०१६ 
    राजीव सिपहिया हमीरपुर 

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