पीतज्वर या पीला बुखार (Yellow fever) तेजी से होने वाला एक संक्रामक बुखार हैं, जो अचानक शुरू होता है। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु (Flavivirus) होता है, जिसका संवहन एडीस ईजिप्टिआई (Aedes Aegypti) जाति के मच्छरों द्वारा होता है।
क्या है पीला बुखार (About Yellow Fever in Hindi)
पीतज्वर में तेज बुखार के कारण जिगर और गुर्दे की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है| जिगर (Liver) के बीमार होने के कारण रोगी को पीलिया हो जाता है और उसकी त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। इसी कारण इस बुखार को यलो फीवर कहते है।
पीत ज्वर या पीला बुखार के लक्षण (Symptoms of Yellow Fever)
पीतज्वर में अकसर मरीजों को तेज बुखार होता और शरीर पीला पड़ जाता है। साथ ही कई मामलों में तेज ठंड, कपकपी या पीठ दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है।
यह रोग दस दिन तक रहता है और घातक न हुआ तो रोगी धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। अमूमन पीतज्वर दुबारा नहीं होता और अगर होता है तो यह घातक सिद्ध होता है। मच्छरों से बचाव इस रोग का सबसे उत्तम उपाय है। पीतज्वर के टीके का असर करीब चार वर्ष तक रहता है। रोग हो जाने पर केवल लक्षणों के अनुसार चिकित्सा संभव है।
यह रोग कर्क (Cancer Line) तथा मकर (Capricorn Line) रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में लगभग 200,000 लोग पीतज्वर या पीले बुखार की चपेट में आते हैं। 30,000 के आसपास लोग इस जानलेवा बीमारी से अपनी जान गँवा देते हैं।
पीला बुखार के लक्षण
पीतज्वर या पीला बुखार अधिकांश रूप से संक्रमित स्थानों की यात्रा करने से फैलता है। साथ ही जिन इलाकों में यह मच्छर हो उन इलाकों में रहने या जाने से भी फैल सकता है।
सामान्य उपचार
पीतज्वर का एक भी लक्षण नज़र आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए। अगर रोगी को तेज बुखार हो और उसका शरीर भी पीला पड़ रहा हो तो बिना समय गंवाएं डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पीले बुखार के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Yellow Fever)
यलो फीवर या पीत ज्वर संक्रमण से होने वाली खतरनाक बीमारी है, लेकिन इसके लिए बहुत से इलाज मौजूद हैं जो इस पर काबू पा सकते हैं। पीत ज्वर या पीला बुखार मादा मच्छर के काटने से होता है। पीले बुखार में रोगी का लीवर डैमेज होने या पीलिया होने का खतरा रहता है। साथ ही रोगी को उल्टियां भी हो सकती हैं। पीले बुखार से निजात के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे भी हैं, जिससे प्राकृतिक तरीके से इसका उपचार किया जा सके।
1. तुलसी और काली मिर्च (Basil and Black Pepper)
काली मिर्च पीले बुखार के इलाज में बहुत कारगर साबित हो रही है। आधा लीटर डिस्टिलड पानी में कुछ तुलसी के पत्ते डालकर उबलने दें। इस पानी में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। इस पानी को रंग बदलने तक उबलने दें। यह पानी न केवल पीले बुखार को कम करता है बल्कि आपको तुरंत ऊर्जा भी देता है। इस पानी में तीन चम्मच शहद भी मिलाया जा सकता है। इसे दिन में दो बार पीएं।
काली मिर्च पीले बुखार के इलाज में बहुत कारगर साबित हो रही है। आधा लीटर डिस्टिलड पानी में कुछ तुलसी के पत्ते डालकर उबलने दें। इस पानी में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। इस पानी को रंग बदलने तक उबलने दें। यह पानी न केवल पीले बुखार को कम करता है बल्कि आपको तुरंत ऊर्जा भी देता है। इस पानी में तीन चम्मच शहद भी मिलाया जा सकता है। इसे दिन में दो बार पीएं।
2. प्याज़ (Onion)
एक कच्चा प्याज लें और दो हिस्सों में काट लें। इसे ओवन में डालकर लगभग 15 मिनट के लिए 400 डिग्री पर सेंक लें। ऐसा करने से प्याज का रस आसानी से निकल जाता है। इस रस में कुछ बूंदे शहद की मिलाएं। इस मित्रण को पीले बुखार से निजात के लिए इस्तेमाल करें।
एक कच्चा प्याज लें और दो हिस्सों में काट लें। इसे ओवन में डालकर लगभग 15 मिनट के लिए 400 डिग्री पर सेंक लें। ऐसा करने से प्याज का रस आसानी से निकल जाता है। इस रस में कुछ बूंदे शहद की मिलाएं। इस मित्रण को पीले बुखार से निजात के लिए इस्तेमाल करें।
3. लहसुन (Garlic)
बार बार उल्टी होने से डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे शरीर आमतौर पर कमजोर हो जाता है और इससे शरीर की इम्यूनिटी भी घटती है। लहसुन अपने वायरल विरोधी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ साथ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। छह से दस लहसुन की कली लेकर उन्हें कुचल लें। इस लहसुन को आप यूं भी खा सकते हैं या फिर शहद मिलाकर सुबह सुबह खाएं।
बार बार उल्टी होने से डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे शरीर आमतौर पर कमजोर हो जाता है और इससे शरीर की इम्यूनिटी भी घटती है। लहसुन अपने वायरल विरोधी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ साथ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। छह से दस लहसुन की कली लेकर उन्हें कुचल लें। इस लहसुन को आप यूं भी खा सकते हैं या फिर शहद मिलाकर सुबह सुबह खाएं।
4. नारियल पानी (Coconut Water)
पीले बुखार में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी बेहद लाभकारी है। यह शरीर को हाइड्रेट करके अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। एक दिन में कम से कम तीन से चार बार नारियल पीएं।
पीले बुखार में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी बेहद लाभकारी है। यह शरीर को हाइड्रेट करके अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। एक दिन में कम से कम तीन से चार बार नारियल पीएं।
5. गन्ने का रस (Sugarcane Juice)
डिहाइड्रेशन पीले बुखार का सबसे खतरनाक लक्षण है। ऐसे में गन्ने का रस कमजोर शरीर को स्फूर्ति देता है। गन्ने के रस से निर्जलित शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज की आपूर्ति की जा सकती है। गन्ने का रस शरीर की मांसपेशियों में ग्लूकोज की आपूर्ति करता है। शरीर में आवश्यक प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दिन में तीन बार गन्ने के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है।यह भी पीले बुखार से पीड़ित मरीज की उच्च शरीर के तापमान को कम कर देता है।
डिहाइड्रेशन पीले बुखार का सबसे खतरनाक लक्षण है। ऐसे में गन्ने का रस कमजोर शरीर को स्फूर्ति देता है। गन्ने के रस से निर्जलित शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज की आपूर्ति की जा सकती है। गन्ने का रस शरीर की मांसपेशियों में ग्लूकोज की आपूर्ति करता है। शरीर में आवश्यक प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दिन में तीन बार गन्ने के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है।यह भी पीले बुखार से पीड़ित मरीज की उच्च शरीर के तापमान को कम कर देता है।
6. जौ का पानी (Barley Water or Jau ka pani)
जौ एक संपूर्ण अनाज है जिसमें स्वस्थ जीवन शैली के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व है मौजूद हैं। जौ में विटामिन बी 1, बी 2, बी 5, 9 और विटामिन ई होता है। यह पीले बुखार से पीड़ित मरीज की सूजन और शरीर के उच्च तापमान को कम करता है। एक दिन में तीन बार जौ का पानी पीने से पीले बुखार में आराम मिलता है।
जौ एक संपूर्ण अनाज है जिसमें स्वस्थ जीवन शैली के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व है मौजूद हैं। जौ में विटामिन बी 1, बी 2, बी 5, 9 और विटामिन ई होता है। यह पीले बुखार से पीड़ित मरीज की सूजन और शरीर के उच्च तापमान को कम करता है। एक दिन में तीन बार जौ का पानी पीने से पीले बुखार में आराम मिलता है।
7. नींबू और नमक (Lemon and Salt)
पीले बुखार से पीड़ित व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति और ज्यादा थका हुआ लगता है। एक गिलास पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर पीने से भी पीले बुखार में काफी आराम मिलता है। इस नींबू वाले पानी में एक चुटकी नमक भी मिलाएं। यह पानी डिहाइड्रेशन की कमी को पूरा करता है और रोगी को ऊर्जा देता है।
पीले बुखार से पीड़ित व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति और ज्यादा थका हुआ लगता है। एक गिलास पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर पीने से भी पीले बुखार में काफी आराम मिलता है। इस नींबू वाले पानी में एक चुटकी नमक भी मिलाएं। यह पानी डिहाइड्रेशन की कमी को पूरा करता है और रोगी को ऊर्जा देता है।
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