Friday 1 April 2016

हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone Fracture Or Dislocation)

हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone Fracture Or Dislocation)

Bone fracture or Dislocation
हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone fracture or dislocation)
फ्रैक्चर (Fracture)- हड्डी का टूटना ही हड्डी का फ्रैक्चर कहलाता है। हड्डी कई कारणों से टूट सकती है, कहीं गिरने से, टक्कर लगने से, झटका लगने से या अचानक से दबाव पड़ने पर।

हड्डी का खिसकना (Dislocation of bone) - दो हड्डियां जब जुड़े हुए स्थान से खिसक जाती हैं तो इसे डिस्लोकेशन या हड्डी का खिसकना कहते हैं। दो हड्डियां एक जोड़ पर जाकर मिलती हैं, लेकिन इस जोड़ पर चोट लगने के कारण इसी जोड़ से हड्डियां खिसक जाती हैं। हड्डियों के खिसकने पर भी बहुत दर्द होता है और संबंधित स्थान पर सूजन आ जाती है।

हड्डी कई तरह से टूटती है (Types of bone fracture)
1. पूर्ण तथा अपूर्ण फ्रैक्चर (Complete and incomplete fracture) - इसमें साधारण तरह से हड्डी टूट जाती है। पूर्ण फ्रैक्चर में हड्डी दो टुकड़ों में टूट जाती है, जबकि अपूर्ण फ्रैक्चर में हड्डी केवल चटकती है।
2. खुला फ्रैक्चर (Open fracture) - हड्डी टूटने से त्वचा के माध्यम से हड्डी के टुकड़े बाहर आ जाते हैं।
3. ग्रीन स्टिक फ्रैक्चर (Green stick fracture) - यह भी अपूर्ण फ्रैक्चर होता हे जिसमें हड्डी मुड़ जाती है। इस तरह का फ्रैक्चर बच्चों में ज्यादा होता है।
4. तिर्यक फ्रैक्चर (Communicate fracture) - इस फ्रैक्चर में हड्डी के ऐसे हिस्से से जो कोई कोण बनाती हो, का छोटा सा कोना टूट जाता है
5. विखंडन के साथ फ्रैक्चर (Oblique fracture) - हड्डी का कई टुकड़ों में टूटना
6. ट्रांसवर्स फ्रैक्चर (Transverse fracture) - हड्डी की सीध में हड्डी का टूटना
7. स्ट्रैस फ्रैक्चर (Stress fracture) - हड्डियों पर अत्यधिक दबाव के कारण टूटना

हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना के लक्षण

-कारण- (Causes of bone frtacture or dislocation)
फ्रैक्चर के कई कारण हो सकते हैं। हड्डियों के कमजोर होने या हड्डियों से संबंधित कैंसर, सिस्ट, ऑस्टियोपोरोसिस आदि होने से। फ्रैक्चर के बाद हड्डी में दर्द के भी कई कारण हो सकते हैं-
- हड्डियों के आस-पास के नर्व एडिंग्स, जो हड्डी के टूटने पर सक्रिय होकर दिमाग को दर्द का संकेत देते हैं।
- हड्डियां टूटने से रक्तस्त्राव का होना और सूजन आना, जिससे दर्द होता है।
- फ्रैक्चर होने पर मांसपेशियां सिकुड़ कर हड्डी को बचाने की कोशिश करती हैं, यह भी दर्द का कारण होता है।
- ऐसी कोई दुर्घटना होने पर जिससे हड्डियां प्रभावित हों।
- हड्डियों का फ्रैक्चर व्यक्ति की उम्र पर भी निर्भर करता है क्योंकि ज्यादा उम्र में फ्रैक्चर के चांसेस बढ़ जाते हैं।
कुछ स्थितियों में असहनीय दर्द भी हो सकता है जैसे-
- संक्रमण होने पर
- गलत तरीके से प्लास्टर लगाने पर, बहुत ढीला या बहुत टाइट

सामान्य उपचार


उपचार- (Tips to prevent bone fracture or dislocation)
- फ्रैक्चर वाली जगह की बर्फ से सिकाई करें। सूजन कम होगी और दर्द से आराम मिलेगा।
- पीड़ित व्यक्ति को पूरी तरह आराम करना चाहिए। संभव हो तो संबंधित जगह को हिलाने-डुलाने से बचें।
- गर्म सिकाई करने से भी आराम मिलता है।
- यदि हाथ या पैर की हड्डी टूटी हो तो उसे ऊंचाई पर करके रखें।
- फ्रैक्चर वाले स्थान के आस-पास की जगह पर मालिश करें।
- आधा अनानास रोज खाएं।
- रेड मीट खाने से बचें।
- प्रिजरवेटिव खाना न खाएं।

सावधानियाँ- (Precautions)
- कार में बैठकर हमेशा सीट बेल्ट पहनें।
- कोई खेल खेलते समय या साइकिल और मोटरसाइकिल चलाते समय, संबंधित सेफ्टी उपकरण जरूर पहनें।
- यदि किसी को ऑस्टीपोरोसिस है, तो नियमित व्यायाम करें और हड्डियों को मजबूत करने वाली डाइट लें।
rajeev sipahiya link http//:wwwsipahiya.blogspot.com
hamirpur (h.p)

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