Monday 4 April 2016

मोतियाबिंद- केटेरेक्ट (Cataract)

मोतियाबिंद- केटेरेक्ट (Cataract)

Cataract
केटेरेक्ट या मोतियाबिंद (Cataract)
मोतियाबिंद आंख के लेंस में उभरा सफेद रंग का धब्बा है, जो कि आंख की दृष्टि को प्रभावित करता है। मोतियाबिंद होने से व्यक्ति को कोई भी वस्तु धुंधली नजर आती है। मोतियाबिंद ज्यादातर बुजुर्गों को होता है। मोतियाबिंद केवल एक आंख या दोनों आंखों में भी हो सकता है, यहां तक कि यह एक आंख से दूसरी आंख में भी फैल सकता है।
मोतियाबिंद कई तरह का होता है (Types of cataract)
1. सेकेंडरी मोतियाबिंद (Secondary cataract)
मोतियाबिंद आंख में किसी परेशानी, जैसे ग्लूकोमा (glaucoma) आदि के लिए की गई सर्जरी के बाद हो सकता है। इसके अलावा शरीर में अन्य तरह के रोग, जैसे डायबिटीज (diabetes) आदि होने के कारण या कभी कभी स्टेरॉइड (steroid) के इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी हो सकता है।
2. ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (Traumatic cataract)
मोतियाबिंद आंख में लगी किसी चोट के कारण भी हो सकता है। चोट के कई साल गुजरने के बाद भी मोतियाबिंद हो सकता है।
3. कन्जेनिटल मोतियाबिंद (Congenital cataract)
कुछ बच्चों में जन्म से ही मोतियाबिंद होता है या बचपन में भी उभर सकता है। यह मोतियाबिंद इतना छोटा होता है कि आंख की दृष्टि को प्रभावित नहीं करता, लेकिन यदि ऐसा हो तो आंख के लेंस बदलने पड़ सकते हैं।
4. रेडिएशन मोतियाबिंद (Radiation cataract)
कुछ मोतियाबिंद कई तरह की रेडिएशन के संपर्क में आने पर भी हो सकते हैं।

मोतियाबिंद- केटेरेक्ट के लक्षण

मोतियाबिंद के कारण (Cause of cataract)
आंख के अंदर का लेंस कैमरे की तरह काम करता है। यही रेटिना पर लाइट को फोकस करता है जिससे चीजें साफ नजर आती हैं। लेंस पानी और प्रोटीन से मिलकर बनता है। प्रोटीन इस तरह से लेंस के साथ जुड़ी रहती है कि यह लेंस को साफ रखती है जिससे कि रोशनी आर-पार जा सके।
उम्र बढ़ने के साथ कई बार कुछ प्रोटीन एक जगह इकट्ठी हो जाती है और लेंस के एक हिस्से पर जमा हो जाती है। ऐसे में मोतियाबिंद आंख के लेंस में अत्यधिक प्रोटीन के बनने के कारण होता है जो लेंस को धुंधला बना देता है। यह लेंस के जरिए रोशनी को पूरी तरह जाने नहीं देता जिससे आंख से साफ दिखाई नहीं देता। ऐसे में सभी नए लेंस सेल्स, लेंस के बाहर की ओर जमा हो जाते हैं जबकि सभी पुराने लेंस सेल्स, लेंस के बीचों बीच एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं, जिसे मोतियाबिंद या केटेरेक्ट कहते हैं।

मोतियाबिंद होने के अन्य कारण (other reason & causes of cataract)
- आंखों में किसी तरह का अन्य रोग होना, जैसा ग्लूकोमा आदि
- जन्मजात आंख में मोतियाबिंद होना
- डायबिटीज होना
- शरीर में किसी परेशानी, जैसे अस्थमा के लिए स्टेरॉइड लेना
- अचानक से तेज रोशनी के संपर्क में आने से या लगातार तेज रोशनी में रहने से
- धूम्रपान या शराब आदि का ज्यादा सेवन करने से
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सामान्य उपचार


 मोतियाबिंद के उपाय (tips to prevent cataract)
- धूप या तेज रोशनी से खुद को बचाएं, आंखों पर चश्मा और सिर पर टोपी पहन के रहें
- किसी भी तरह का कोई नशा न करें
- पौष्टिक खाना खाएं
- समय-समय पर आंखों की जांच करवाएं
- तनाव से दूर रहें
- डायबिटीज नियंत्रण में रखें

मोतियाबिंद के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies For Cataract)

Home Remedies for Cataract
जब आंखों की बात हो तो समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यदि आंखों की रोशनी एक बार चली गई तो दोबारा नहीं पाई जा सकती। मोतियाबिंद (Cataract) भी ऐसी ही गंभीर समस्या है, जिसमें आंखों के लेंस पर एक धब्बा (spot on the eye lens) आ जाता है। जिससे आप जो भी चीज देखते हैं वह आपको धुंधली नजर आती है और वहां आपको धब्बा जैसा नजर आता है।
यूं तो मोतियाबिंद को सर्जरी के द्वारा हटाया जा सकता है लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से भी मोतियाबिंद का इलाज संभव है। यदि शुरूआत में सचेत होकर यह अपनाए जाएं तो संभव है आपको सर्जरी या ऑपरेशन न करवाना पड़े।

मोतियाबिंद के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Cataract)
लहसुन (Garlic)
लहसुन के असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं और यह आंखों के लिए भी समान रूप से लाभकारी है। लहसुन की दो से तीन कलियां (2 to 3 clove) रोजाना खाने से आंखों से एकदम साफ दिखाई देने लगेगा और कुछ ही दिनों में धब्बे की शिकायत दूर हो जाएगी।
पालक (Spinach)
पालक खाने से मोतियाबिंद काफी हद तक ठीक हो जाता है। पालक में बीटा कैरोटीन (Beta Carotene) ओर एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidents) गुण होते हैं। पालक को रोजाना खाने से आंखों का मोतियाबिंद कुछ दिन में ही खत्म हो जाता है और आंखें पहले जैसी हो जाती हैं।
दूध और बादाम (Milk and Almond)
मोतियाबिंद से परेशान लोगों की आंखें ज्यादातर लाल रहती हैं और समस्या से निपटना और भी मुश्किल होता है। ऐसे में दूध और बादाम आंखों को लाभ देते हैं। उपचार के लिए बादाम को रात भर दूध में भिगाकर छोड़ दें। इस दूध को सुबह छानकर इसकी बूंदे आंखों में डालें और बादाम को चबा कर खा लें।
ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी से आंखों की रोशनी तेज हो सकती है। ग्रीन टी सामान्य आंखों की समस्या में भी लाभकारी है। रोजाना तीन से चार बार ग्रीन टी पीने आंखों को स्वास्थ्य लाभ होता है। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (Antioxident) आंखों को नई ताजगी देते हैं।
कच्चा पपीता (Raw Papaya)
कच्चे पपीते में पपेन (Papain) नाम का एंजाइम होता है जो कि प्रोटीन (Protien) के पाचन में सहायक होता है। मोतियाबिंद से परेशान लोगों को प्रोटीन को पचाने में दिक्कत आती है, ऐसे में कच्चा पपीता मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों को लाभ देता है। कच्चा पपीता रोजाना इस्तेमाल करने से आंखों के लेंस नए जैसे चमकने लगते हैं।
विटामिन सी (Vitamin C)
मोतियाबिंद के इलाज में विटामिन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन सी के सेवन से मोतियाबिंद संरचनाओं को रोका जा सकता है। आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को इस्तेमाल करें, जिनमें विटामिन सी ज्यादा से ज्यादा हो। इसके अलावा विटामिन सी सप्लीमेंट (Vitamin C Suppliment) के रूप में भी लिया जा सकता है।
कच्ची सब्जियां (Raw Vegetables)
कच्ची सब्जियां आंखों के लिए चमत्कार का काम कर सकती है। कच्ची सब्जियों में पोषक तत्व और विटामिन ए (Vitamin A) की उच्च मात्रा होती है जो कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। अपने दैनिक आहार में कच्ची सब्जियों को इस्तेमाल करने से मोतियाबिंद के साथ ही आंखों की अन्य सामान्य समस्याओं से भी निपटा जा सकता है। कच्ची सब्जियों को सलाद के रूप में जितना संभव हो खाएं।
जामुन (Bilberrys)
जामुन से मोतियाबिंद पूरी तरह नहीं हटता लेकिन दृष्टि की अस्पष्टता को जामुन खाने से ठीक किया जा सकता है। जामुन में एंथोसायनोसाइड्स (Anthocyanosides) तथा फ्लेवनाइड्स (Flavonoids) काफी अधिक होते हैं जो कि रेटिना (Retina) और आंखों के लैंस (Eye Lens) की रक्षा करते हैं।

(नोट: किसी भी प्रकार के प्रकार के घरेलू नुस्ख़े आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।)
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