पीलिया (Jaundice)
पीलिया के लक्षण
पीलिया रोग के कारण (Causes and Reasons of Jaundice)
जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं 120 दिन के साइकिल में एक नेचुरल प्रक्रिया के तहत टूटती है तो वेस्ट बाइ प्रोडक्ट के रुप में बिलीरुबिन (Bilirubin Disorder) का उत्पादन होता है। बिलीरुबिन के जरिए शरीर की सारी गंदगी लिवर से छन कर बाहर निकलती है। यह गंदगी पेशाब और मल के जरिए बाहर निकलती है। अगर लिवर में संक्रमण है या फिर रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा 2.5 से ज्यादा हो जाती है तो लिवर के गंदगी साफ करने की प्रक्रिया अवरुद्ध हो जाती है और इसी परिस्थिति में पीलिया की बीमारी हो जाती है।
पीलिया रोग के अन्य कारण (Other Reasons & Causes of Jaundice)
अगर किसी संक्रमण से लाल रक्त कोशिका अपनी सामान्य प्रक्रिया से पहले ही टूटने लगती है तो रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है। इस परिस्थिति को प्री हेपटिक जॉन्डिस कहते हैं। मलेरिया, स्किल सेल एनीमिया, थेलीसीमिया में और कई आनुवांशिक कारणों से भी रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा अचानक बढ़ने लगती है जिससे पीलिया (Piliya) रोग होता है।
अगर किसी कारण से लिवर को नुकसान पहुंचा है तो लिवर से बिलीरुबिन बनने की क्षमता ही कम हो जाती है। इसे इंट्रा-हेपाटिक जॉन्डिस भी कहा जाता है। वायरल हैपेटाइटिस (Viral Hepatitis), लीवर का अल्कोहलिक होना (Alcohol), तेज बुखार (Fever), लीवर कैंसर (Liver Cancer), गलत दवाओं के सेवन और पैरासिटामोल (Medicine Side effects) के ज्यादा सेवन से भी इंट्रा-हेपाटिक जॉन्डिस होते हैं। मोटापा में लीवर साइरोसिस होने का खतरा रहता है। जिससे इंट्रा-हेपाटिक जॉन्डिस की संभावना रहती है।
गॉल ब्लाडर में पत्थर, पैनक्रियाज का सही ढंग से काम नहीं करना, पैनक्रियाज कैंसर या फिर गॉल ब्लाडर के कैंसर में भी लिवर द्वारा बाइ प्रोडक्ट बिलीरुबिन को शरीर से निकालने की प्रक्रिया बंद हो जाती है। नतीजा रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा काफी बढ़ जाती है और गंभीर पीलिया रोग हो जाता है।
पीलिया से बचाव के घरेलू उपचार (Home Remedies For Jaundice)
पीलिया रोग सूक्ष्म विषाणु के कारण होता है। इस रोग के होने पर व्यक्ति के नाखुन और आंखें पीली दिखाई देती हैं। चिकित्सा की भाषा में पीलिया को वायरल हैपेटाइटिस (Viral Hepatitis) कहते हैं। पीलिया रोग साफ-सफाई के अभाव में या दूषित पानी और भोजन के सेवन के कारण होता है।
पीलिया रोग के होने पर व्यक्ति को भूख न लगना, बुखार रहना, जी मिचलाना, सिर में दर्द होना, पेशाब का पीला आना तथा कमजोरी व थकान लगना, जैसे लक्षण नजर आते हैं। पीलिया होने पर व्यक्ति का लीवर प्रभावित होता है। यदि समय रहते पीलिया रोग का उपचार न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
जानें पीलिया से बचाव के घरेलू उपचार (Home Remedies for Jaundice)
1. टमाटर का रस (Tomato juice)- पीलिया होने पर एक गिलास टमाटर के रस में एक चुटकी नमक और काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट पीएं। आराम मिलेगा।
2. मूली की पत्ती (Radish leaves)- मूली की पत्तियों को पीसकर, उसका रस निकालें। लगभग आधा लीटर मूली की पत्तियों का रस रोजाना पीएं। दस दिन के भीतर रोगी को पीलिया से आराम मिलेगा।
3. पपीते की पत्ती (Papaya leaves)- एक चम्मच पपीते की पत्ती के पेस्ट में एक चम्मच शहद मिलाकर, रोजाना तकरीबन दो हफ्तों तक खाएं। पीलिया के उपचार के लिए यह बेहद फायदेमंद घरेलू नुस्खा है।
4. गन्ना (Sugarcane)- गन्ना, पाचन क्रिया को दुरूस्त करता है साथ ही लीवर को भी बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करता है। उपचार के लिए एक गिलास गन्ने के रस में नींबू का रस मिलाकर रोजाना दो बार पीएं।
5. तुलसी की पत्ती (Basil leaves)- तुलसी की दस से पन्द्रह पत्ती का पेस्ट बनाकर, गाजर के रस में मिला लें। इस रस को रोजाना, दो से तीन हफ्तों तक पीएं। पीलिया रोग से राहत मिलेगी।
6. जौ (Barley)- एक कप जौ को तीन लीटर पानी में अच्छी तरह उबाल लें और तीन घंटे तक ढक कर रख दें। इस पानी को दिन में कई बार पीएं।
7. नींबू (Lemon)- नींबू लीवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। एक गिलास पानी में दो नींबू निचोड़ें और पीएं।
8. बादाम (Almond)- बादाम की 8 गिरी, 2 खजूर और 5 इलायची को पानी में रातभर भिगाकर रखें। सुबह सबके छिलके उतारकर, पीसकर, पेस्ट तैयार करें। इसमें थोड़ा सा मक्खन और चीनी मिलकर खाएं।
9. हल्दी (Turmeric)- एक गिलास गुनगुना पानी लें और उसमें हल्दी मिलायें, इस पानी को दिन भर में तीन से चार बार पीएं। पीलिया के उपचार के लिए बेहद प्रभावी उपाय है।
10. छाछ (Buttermilk)- पीलिया होने पर छाछ बेहद लाभकारी है। दही को मथकर छाछ तैयार करें और इसमें काली मिर्च और भुना जीरा मिलाकर पीएं।
11. केला (Banana)- पके हुए केले को कुचलकर, उसमें शहद मिलायें। इस तरह के केले को दिन में दो बार खाएं।
12. गाजर का रस (Carrot juice)- गाजर का ताजा रस निकालकर पीएं, पीलिया में राहत मिलेगी।
13. बेल की पत्ती (Wood apple leaves)- बेल की पत्ती को पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को पानी में मिलाकर रोजाना पीएं। पीलिया के उपचार के लिए बेहद प्रभावी उपाय है।
14. कैमोमाइल चाय (Chamomile tea)- कैमोमाइल पीलिया रोग में बेहद लाभकारी है। कैमोमाइल की पत्तियों की चाय बनाकर पीने से पीलिया रोग जल्दी ठीक होता है। इस चाय को पीलिया ठीक होने के बाद भी पीना जारी रख सकते हैं।
15. आंवला (Gooseberry)- आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। पीलिया रोग में आंवले का सेवन करने से बेहद लाभ होता है। आंवले के सेवन से लीवर भी मजबूत होता है।
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राजीव सिपहिया
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ReplyDeleteNice post. Jaundice natural treatment is proven to be safe and effective.Consider taking jaundinil capsule for safe and effective result.
ReplyDeleteVery useful post. Jaundice herbal supplement is very effective and safe. It targets the root cause of the disease rather than symptoms.
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